Short Story in Hindi With Moral – हम सभी ने अपने बचपन से ही माता-पिता, नाना-नानी, दादा-दादी जैसे बड़ों से बहुत सी कहानियों को सुनकर बड़े होने का सफर तय किया है। कहानियों का सुनना और सुनाना हमारे देश की प्राचीन परंपरा रही है। हमने देखा है कि अक्सर गाँवों में, जहाँ मनोरंजन के लिए साधन बहुत कम होते हैं, वहां लोग नैतिक कहानियां और कविताओं को गाकर या सुनाकर बच्चों को मनोरंजित करते हैं। ये कहानियां सिर्फ मनोरंजक नहीं होतीं, बल्कि वे शिक्षाप्रद भी होती हैं और हमें जीवन के मूल्यों और नैतिकता के प्रति जागरूक करती हैं। Short Story in Hindi With Moral
1 लालची शेर की कहानी Short Story in Hindi With Moral
एक गरम दिन में, जंगल के एक शेर को बहुत जोरों से भूख लगी थी। उसने खाने की तलाश में इधर-उधर भटकना शुरू किया। कुछ समय खोजने के बाद, उसने एक खरगोश पाया, लेकिन उसे बहुत छोटा लगा, इसलिए उसने उसे छोड़ दिया।
फिर कुछ देरों बाद, उसने रास्ते में एक हिरन देखा, और उसका पीछा किया, लेकिन बहुत से खाने की तलाश में थक गया था, जिससे उसे हिरन को पकड़ नहीं पाया।
जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला, तो उसने फिर सोचा कि उस खरगोश को खाने के बारे में। लेकिन जब वह उसी स्थान पर वापस गया, तो वहां कोई खरगोश नहीं था क्योंकि वह वहां से चला गया था। शेर ने इसके बाद काफ़ी दुखी होकर बहुत दिनों तक भूखा रहना पड़ा।
कहानी से निकलने वाला सिख:
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अत्यधिक लालच करना कभी भी फलदायक नहीं होता।
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2 आलू, अंडे और कॉफी बीन्स Short Story in Hindi With Moral
एक युवक था जिसका नाम जॉन था, और वह काफी उदास दिखता था। उसके पिताजी ने उसे रोते हुए पाया।
जब उसके पिताजी ने जॉन से पूछा कि उसकी आँखों में आँसू क्यों हैं, तो उसने कहा कि उसके जीवन में कई समस्याएँ हैं। उसके पिताजी मुस्कराएं और उसे एक आलू, एक अंडा, और कुछ कॉफी बीन्स लाने के लिए कहा। वे तीनों चीजें तीन कटोरों में रखने के लिए कहे गए। तब उन्होंने जॉन से चीजों को महसूस करने के लिए कहा और प्रत्येक कटोरी में पानी भरने का निर्देश दिया।
जॉन ने उनके बताए गए तरीके से किया। फिर उन्होंने तीनों कटोरे उबाले।
जब कटोरे ठंडे हो गए, तो जॉन के पिताजी ने उन्हें अलग-अलग खाद्य पदार्थों की महक और स्वाद को पुनः महसूस करने के लिए कहा।
जॉन ने देखा कि आलू नरम हो गया था और उसकी त्वचा आसानी से छील रही थी; अंडा कठिन और सख्त हो गया था; वहीं कॉफी बीन्स पूरी तरह से बदल गई थी और पानी के कटोरे को सुगंध और स्वाद से भर दिया था।
कहानी से निकलने वाला सिख:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में हमेशा कई समस्याएँ आती रहेंगीं, जैसे कि उबालते हुए पानी की तरह। हमें इन समस्याओं का सामना करते समय इस तरह से प्रतिक्रिया करना चाहिए कि हमारे जीवन की महक और स्वाद को बनाए रखा जा सके।
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3. कौवे की गिनती
एक दिन, अकबर महाराज ने अपने दरबार में एक अजीब सा सवाल पूछा, जिससे सभी लोग हैरान हो गए। जब सभी लोग उत्तर जानने की कोशिश कर रहे थे, तो बीरबल अंदर आए और पूछा कि मामला क्या है।
उन्होंने सवाल को दोहराया, “शहर में कितने कौवे हैं?”
बीरबल तुरंत मुस्कुराए और अकबर के पास गए। उन्होंने उत्तर की घोषणा की; उनका जवाब था कि, नगर में इक्कीस हजार पांच सौ तेईस कौवे हैं। यह पूछे जाने पर कि उन्हें यह जानकर कैसे है, तब बीरबल ने उत्तर दिया, “अपने आदमियों से कौवे की संख्या गिनने के लिए कहें। यदि अधिक मिले, तो कौवे के रिश्तेदार उनके पास आस-पास के शहरों से आ रहे होंगे। यदि कम हैं, तो हमारे शहर के कौवे शहर से बाहर रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास जरूर गए होंगे।”
इस जवाब से अकबर को काफ़ी संतोष मिला। इस उत्तर पर उन्होंने बीरबल को एक माणिक और मोती की जंजीर भेंट की। वहीं उन्होंने बीरबल की बुद्धि की काफ़ी प्रशंसा की।
कहानी से निकलने वाला सिख:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि आपके उत्तर में सही स्पष्टीकरण होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सही उत्तर का होना।
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4. लालची आदमी (Hindi Short Stories)
एक बार का जिक्र है, एक छोटे से शहर में एक लालची आदमी बसता था। वह बहुत धनी था, लेकिन उसकी लालच में कोई सीमा नहीं थी। उसकी दृष्टि में सोने और कीमती वस्तुएं हमेशा महत्वपूर्ण थीं।
हालांकि, उसकी सबसे बड़ी प्रियता थी उसकी बेटी। एक दिन, उसे एक परी दिखाई दी। जब वह पास गया, उसने देखा कि पेड़ की शाखाओं में परी के बाल फंस गए थे।
उसने मदद की और परी को शाखाओं से मुक्त कराया। लेकिन, जैसे-जैसे उसका लालच बढ़ा, उसने अनुभव किया कि इस मदद के बदले में वह एक इच्छा पूरी करके धनी बन सकता है।
इस सुनते ही, परी ने उससे एक इच्छा की पूर्ति का मौका दिया। लालची आदमी ने कहा, “जो कुछ मैं छूऊं, वह सब सोना हो जाए।” इस इच्छा को भी परी ने पूरी कर दिया।
जब इच्छा पूर्ण हो गई, तो लालची आदमी अपनी पत्नी और बेटी को बताने के लिए घर भागा। उसने हर समय पत्थरों और कंकड़ को छूते हुए और उन्हें सोने में परिवर्तित होते देखा, जिससे वह बहुत ही खुश हुआ।
घर पहुंचते ही उसकी बेटी उसका स्वागत करने के लिए दौड़ी। जैसे ही वह उसे अपनी बाहों में लेने के लिए झुका, वह एक सोने की मूर्ति में बदल गई। इस घटना को देखकर उसे अपनी गलती का आभास हुआ।
वह काफ़ी जोर से रोने लगा और अपनी बेटी को वापस लाने की कोशिश करने लगा। उसने परी को खोजने की काफ़ी कोशिशें की, लेकिन वह उसे कहीं पर भी नहीं मिली। उसे अपनी मूर्खता का आभास हुआ, लेकिन अब तक काफ़ी देर हो गई थी।
कहानी की सीख: इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच हमेशा पतन की ओर ले जाता है। ज़रूरत से ज़्यादा लालच करना हमें हमेशा दुःख प्रदान करता है।
5.चींटी और कबूतर (Short Stories in Hindi for Kids)
भयंकर गर्मी के दिनों में, एक चींटी पानी की खोज में इधर-उधर घूम रही थी। थोड़ी देर घूमने के बाद उसने एक नदी देखी, जिसे देखकर उसका मन प्रसन्न हुआ। वह पानी पीने के लिए एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ी, लेकिन उसकी पैरों से फिसलकर नदी में गिर गई। जब वह डूब रही थी, तो उसे एक कबूतर ने देख लिया। जो की पास के एक पेड़ पर बैठा हुआ था, उसने उसकी मदद की। चींटी को संकट में देखकर कबूतर ने झट से एक पत्ता पानी में गिरा दिया।
चींटी ने पत्ती की ओर बढ़ी और उस पर चढ़ गई। फिर कबूतर ने ध्यान से पत्ते को बाहर निकाला और ज़मीन पर रख दिया। इस तरह चींटी की जान बच गई और वह हमेशा कबूतर की ऋणी रही।
इस घटना के बाद चींटी और कबूतर सबसे अच्छे दोस्त बन गए और उनके दिन खुशी से बीते। लेकिन एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। उसने पेड़ पर बैठे सुंदर कबूतर को देखा और अपनी बंदूक से कबूतर पर निशाना साधा।
यह सब वह चींटी देख रही थी, जिसने उस कबूतर को बचाया था। इसको देखकर उस चींटी ने शिकारी की एड़ी पर काट ली, जिससे शिकारी दर्द से चिल्लाया और उसके हाथ से बंदूक गिरा दी। कबूतर शिकारी की आवाज से घबरा गया और उसे एहसास हुआ कि उसके साथ क्या हो सकता है। वह अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से उड़ गया!
जब वह शिकारी वहाँ से चला गया, फिर कबूतर वहाँ उस चींटी के पास आया और उसकी जान बचाने के लिए उसे धन्यवाद दिया। इस तरह दोनों दोस्त विपत्ति के समय में एक दूसरे के काम आए।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक अच्छा काम कभी बेकार नहीं जाता, समय आने पर वो अवस्य फल देता है।
6.चींटी और हाथी की काहानी Short Story In Hindi With Moral
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बार एक घमंडी हाथी था जो हमेशा छोटे जानवरों को धमकाता था और उनका जीवन कष्टदायक बनाता था। इसलिए सभी छोटे जानवर उससे परेशान थे। एक बार की बात है वह अपने घर के पास के एंथिल (चींटी की मांद) में गया और चींटियों पर पानी छिड़का।
ऐसा होने पर वो सभी चींटियाँ अपने आकार को लेकर रोने लगीं। क्यूँकि वो हाथी इनकी तुलना में काफ़ी बड़ा था और इसलिए वो कुछ नहीं कर सकती थीं।
हाथी बस हँसा और चींटियों को धमकी दी कि वह उन्हें कुचल कर मार डालेगा। ऐसे में चींटियाँ वहाँ से चुपचाप चली गयी। फिर एक दिन, चींटियों ने एक सभा बुलायी और उन्होंने हाथी को सबक सीखाने का फैसला किया। अपनी योजना के मुताबिक़ जब हाथी उनके पास आया तब वे सीधे हाथी की सूंड में जा घुसे और उसे काटने लगे।
इससे हाथी केवल दर्द में कराह सकता था। क्यूँकि चींटियाँ इतनी छोटी थी कि उनका यह हाथी कुछ नहीं कर सकता था। साथ में उसके शूँड के अंदर होने के वजह से वो चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था। अब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने चींटियों और उन सभी जानवरों से माफी मांगी जिन्हें उसने धमकाया था।
उसकी ये पीड़ा देखकर चींटियों को भी दया आयी और उन्होंने उसे छोड़ दिया।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि विनम्र बनो और सभी के साथ दया का व्यवहार करो। अगर आपको लगता है कि आप दूसरों से ज्यादा मजबूत हैं, तो अपनी ताकत का इस्तेमाल उन्हें नुकसान पहुंचाने के बजाय उनकी रक्षा के लिए करना चाहिए।
7.कुत्ता और हड्डी (Very Short Story in Hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक कुत्ता था जो रात-दिन सड़कों पर घूमता रहता था, खाने की तलाश में।
एक दिन, उसे एक बड़ी रसीली हड्डी मिली, और उसने तुरंत उसे अपने मुंह के बीच में पकड़ लिया और घर की ओर ले गया। घर के रास्ते में, उसने एक नदी पार करनी पड़ी। वहाँ उसने गौर किया कि एक और कुत्ता ठीक उसी के तरफ़ ही देख रहा था, वहीं जिसके मुंह में भी एक हड्डी थी।
इससे इस कुत्ते के मन में लालच उत्पन्न हुआ और वह उस हड्डी को अपने लिए चाहने लगा। लेकिन जैसे ही उसने अपना मुंह खोला, जिस हड्डी को वह काट रहा था, वह नदी में गिर गई और डूब गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वो दूसरा कुत्ता और कोई नहीं बल्कि उसकी ही परछायी थी, जो कि उसे पानी में दिख रहा था। अब जब कि उसके मुँह की हड्डी गिर चुकी थी पानी में इसलिए उस रात वह भूखा ही रहा और अपने घर चला गया।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि अगर हम हमेशा दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, तो हम लालची कुत्ते की तरह सबक़ सीखना पड़ेगा, वहीं जो हमारे पास पहले से है हम उसे भी खो देंगे।
8. झूठा लड़का और भेड़िया Short Story in Hindi With Moral
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में रहने वाला एक लड़का चरते गाँव की पास की पहाड़ी पर भेड़ों को देखकर ऊब गया था। अपना मनोरंजन करने के लिए, उसने चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ों का पीछा कर रहा है!”
जब गाँव वालों ने उसकी चीख सुनी, तो वे भेड़ियों को भगाने के लिए पहाड़ी पर दौड़ते हुए आए। लेकिन, जब वे पहुंचे, तो वे कोई भेड़िया नहीं देखा। उनके गुस्से वाले चेहरों को देखकर लड़का खुश हो गया। उसे यह देखकर मज़ा आया।
सभी गाँव वालों ने उस लड़के को चेतावनी दी कि “भेड़िया भेड़िया चिल्लाओ मत, लड़का,” “जब कोई भेड़िया नहीं है!” इसके बाद वे सभी गुस्से में वापस पहाड़ी से चले गए।
अपने मनोरंजन के लिए, बाद में एक बार फिर से, चरवाहा लड़का फिर चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ों का पीछा कर रहा है!”, उसने देखा कि ग्रामीण भेड़ियों को डराने के लिए पहाड़ी पर दौड़ रहे हैं। यह देख उसे फिर से आनंद आने लगा।
जब उन्होंने देखा कि कोई भेड़िया नहीं है, तो उन्होंने सख्ती से उस लड़के को कहा, कि जब कोई भेड़िया नहीं है तब उसे उन्हें नहीं बुलाना चाहिए। केवल भेड़िया के आने पर ही उन्हें उसे पुकारना चाहिए। जब वे गाँव वाले पहाड़ी के नीचे जा रहे थे, तब वह लड़का मन ही मन मुस्कुराया।
Short Story in Hindi With Moral
बाद में, लड़के ने एक असली भेड़िये को अपने झुंड के तरफ़ आते देखा। घबराए हुए, वह अपने पैरों पर कूद गया और जितना जोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया!” लेकिन गाँव वालों ने अब की बार सोचा कि वह उन्हें फिर से बेवकूफ बना रहा है, और इसलिए वे मदद के लिए नहीं आए।
सूर्यास्त के समय, ग्रामीण उस लड़के की तलाश में गए जो अपनी भेड़ों के साथ नहीं लौटा था। जब वे पहाड़ी पर गए, तो उन्होंने उसे रोते हुए पाया।
“यहाँ वास्तव में एक भेड़िया था! झुंड चला गया! मैं चिल्लाया, ‘भेड़िया!’ लेकिन तुम नहीं आए,” वह चिल्लाया, यह सब वो रोते हुए कहा।
अब एक बूढ़ा आदमी लड़के को सांत्वना देने गया। जैसे ही उसने उसके पीठ पर अपना हाथ रखा, उसने कहा, “झूठे पर कोई विश्वास नहीं करता, भले ही आप सच कह रहे हों, कोई भी झूठ पर विश्वास नहीं करता है।” अब उस लड़के को अपनी गलती का पछतावा हुआ।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि झूठ से विश्वास टूट जाता है – भले ही आप सच कह रहे हों, कोई भी झूठ पर विश्वास नहीं करता है। इसलिए हमेशा सच बोलना चाहिए।
9. तेनाली रामा और चोरों की टोली की कहानी Short Story In Hindi With Moral
बहुत दिनों पहले की बात है, तब भारत के दक्षिण दिशा में विजयनगर नामक एक राज्य हुआ करता था, जिसके राजा कृष्णदेवराय थे। उनके दरबार में एक मंत्री, तेनाली रामा भी था।
विजयनगर में उन दिनों चोरी की कई घटनाएं हो चुकी थीं और राजा कृष्णदेवराय चिंतित थे। तेनाली रामा समेत दरबार में सभी चिंतित थे। एक दिन, जब तेनाली रामा दरबार से लौटा, तो उसने अपने बगीचे में कुएं के पास बड़े आम के पेड़ के पीछे दो आकृतियों को छिपा हुआ देखा।
उसने तुरंत समझा कि चोर वहीं छिपे हैं। उसने सोचा कि चोरों को सीखने के लिए एक योजना बनाना चाहिए। वह घर लौटकर अपनी पत्नी के साथ चोरों की सोच बताई, ताकि वे उनकी बातें सुन सकें।
तेनाली रामा ने कहा, “हमारे गहने घर में सुरक्षित नहीं हैं। कृपया हमारे लोहे के ट्रंक को अपने गहनों से भर दें और चोर उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कुएं में गिरा देंगे!”
Short Story in Hindi With Moral
चोरों ने इस बात को बेवकूफ बनाने की योजना बनाई और तेनाली रामा को मूर्ख समझा। तेनाली रामा ने अपनी पत्नी से कहा कि चोर बगीचे में छिपे हुए हैं और साथ में वह ट्रंक को पत्थरों और बर्तनों से भरने के लिए कहा।
एक बार ट्रंक भर जाने के बाद, तेनाली रामा और उनकी पत्नी ने ट्रंक को खींचकर कुएँ में गिरा दिया। “यह यहाँ सुरक्षित रहेगा!” उसने अपनी पत्नी को कहा।
चोर घर में लोगों के सोने का इंतजार कर रहे थे और उनके पास एक योजना थी। प्रत्येक लुटेरा बारी-बारी से कुएँ से पानी निकालने लगा।
चोरों का उत्साह जल्दी में थकान में बदल गया और उन्होंने थोड़ा विश्राम लेने का फैसला किया। तभी किसी ने कहा, “बस इतना ही! बगीचे में पानी भर गया है, तुमने दिन के लिए अच्छा काम किया है! अब मुझे बगीचे में पानी भरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.”
चोरों ने इधर-उधर देखा और देखा कि तेनाली रामा उनकी पीछे फावड़ा और डंडा पकड़े हुए हैं। चोरों ने चौंक कर भागना शुरू किया और कुछ समय बाद, विजयनगर के लोगों ने किसी लूट की शिकायत नहीं की।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी विषम परिस्थिति में बेहतर यही है कि शांत रहें और समस्या का हल ढूंढ़ें।
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